Sunday, December 26, 2010

'' लपेट ले बेटा तीन साल बचे है ...... !

हास्य
- परिहास
''
लपेट ले बेटा तीन साल बचे है ...... !
व्यंग
पता नहीं इस देश के टी वी चैनल वालो को क्या हो गया है

 
:- रामकिशोर पंवार रोंढावाला.....? हर रोज कोई न कोई अपनी तथाकथित टी आर पी बढ़ाने के लिए नये - नये फण्डे लेकर आ जाते है. अभी हाल ही में एक चैनल वाला किसी देश का कलैण्डर लेकर आ गया और कहने लगा तीन साल बाद पूरी दुनिया समूल नष्ट हो जायेगी........? $खबर चौकान्ने वाली थी क्योकि हीरालाल का बेटा पन्नालाल अभी दो महिने पहले ही तीन लाख देकर कलैक्टर साहब के आफिस का चपरासी बनने वाला था . उस बेचारे को अभी पोस्टींग आर्डर भी नहीं मिला था ऐसे में नगर के धन्ना सेठ से ब्याज पर उठाये रूपयो के ब्याज की वह पहली किस्त भी नहीं चुका पाया था कि टी वी चैनल वाले दुनिया के पलय होने की बात करने लगे. अब बेचारा कलैक्टर का अदना सा चपरासी तीन साल में भला तीन लाख रूपये की रकम कैसे जमा कर पायेगा. कलैक्टर साहब की लोकेशन की खुबर बताने पर कोई भी दस रूपैया से ज्यादा देता नहीं ऐसे में सौ - पचास रूपये की ऊपरी कमाई के बल पर वह कैसे सेठ - साहुकारो का कर्जा चुका पायेगा . उसकी इस मायुसी को उसके परिवार के सभी सदस्य जान चुके थे. आज तक की इस $खबर ने बेचारे हीरालाल- पन्नालाल के पूरे परिवार में मातम का माहौल बना दिया. जबसे दुनिया के समाप्त हो जाने की ख़बर आम लोगो के बीच फैली है लोगो को एक सूत्रिय कार्यक्रम चल रहा है '' लपेट ले बेटा......! जितना लपेट सके .......! तीन साल बचे है........! कहीं ऐसा न होकर आखरी समय कफन भी नहीं मिलेगा लपेटने के लिए....... ! आज तक हो या कल तक या फिर परसो तक सभी के पास हर महिने कोई न कोई ऐसी $खबर रहती है जिससे कि लोगो की पेंट के साथ वह भी फट जाये जिसका हम जिक्र नहीं कर सकते. लोगो को डरा - धमका कर लोगो के बीच इस तरह की ख़बरो को फैलाने वाले को सोचना चाहिये कि उनकी ऐसी खबरो से किसी की जान भी जा सकती है . सच का सामना करने वाले शो के बाद एक महिला की आत्महत्या को प्रचारित एवं प्रसारित करने वाले यह क्यूँ भूल जाते है कि उनकी $खबर भी किसी की जान की दुश्मन बन सकती है. ऐसे में केन्द्र की सरकार को चाहिये कि या तो वे ऐसी ख़बरो पर प्रतिबंध लगायें या फिर ऐसी $खबरो को दिखाने वालो को हिदायत दे कि वह अपने चैनल का प्रसारण रात को करते समय अपने स्क्रीन पर चेतावनी भी दे कि इस चैनल पर प्रसारित होने वाली ख़बरो से आपकी जान भी जा सकती है इसलिए इसे देखने से पहले अपने पूरे परिवार की सहमति का हस्ताक्षर युक्त प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के अलावा अपनी वसीयत के साथ - साथ अपने पूरे परिवार की जवाबदेही से भी मुक्त होने का घोषणा पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा. ऐसा करने के बाद ही वे अपने घर के टी वी चैनल का स्वीच आन करे. कई बार तो टी वी चैनलो की प्रतिस्पर्धा खबरो की जांच किये बिना ही प्रसारित कर देती है. आजतक से लेकर कल तक परसो तक ने ग्राम सेहरा के जिस कुुंजीलाल की करवाचौथ के वृत के दिन मृत्यु का सीधा प्रसारण किया था आज वह कुंजीलाल अभी भी ग्राम सेहरा में ङ्क्षजदा है और टी वी चैनल वालो का उपहास उड़ाता चौसर के पासो को फेक कर लोगो का भविष्य बता रहा है. कई बार तो ऐसी भी खबरे प्रसारित हो जाती है कि महिला समाज शर्मसार हो जाता है. ग्राम चिचोली की एक महिला के एक साथ नौ बच्चो की खबर ने उसे इतना शर्मसार किया कि बेचारी आज भी लोगो के बीच चर्चा का केन्द्र बनी हुई है. कुछ लोगो की या फिर टी वी चैनलो की आदत हो जाती है कि हम सबसे तेज चैनल है इसलिए सबसे पहले आपको $खबर दे रहे है. ऐसे लोगो ने छत्तिसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के ससुर की दुर्घटना में मौत की खबर प्रसारित करवा दी जब तक लोगो हुजूम मुख्यमंत्री के घर पर जमा होता स्वंय मुख्यमंत्री के ससुर को अपने जिंदा होने का अपने दामाद को भरोसा दिलाना पड़ा . बात मुख्यमंत्री के ससुराल की थी तो टी वी चैनल वालो ने बाद में खबर का खण्डन किया लेकिन बेशर्म कुछ ऐसे भी थे जिन्होने झूठी $खबर के प्रसारण के लिए माफी तक नहीं मांगी. कई बार ऐसा होता है कि लोगो को ज्ञान - विज्ञान के रहस्य से रूबरू करवाने के चक्कर में टी वी चैनल संस्कृति अपनी मर्यादा को पार कर जाती है . पिं्रट मीडिया का के्रच आज इसलिए भी बरकरार है क्योकि प्रिंट मीडिया की ऐसी खबरो का पहले तो प्रकाशन नही होता यदि होता भी है तो उसमें कई ऐसे शब्दो का समावेश होता है कि लोगो के विश्वास और अविश्वास का फैसला स्वंय पाठको को करना होता है.अब दुनिया के नष्ट होने की इस तरह कोई पहली बार खबर नहीं चली है. कई लोग तो कुछ धर्मो के कलैण्डरो एवं अपने तथाकथित अधकचरे ज्ञान के चलते कई बार दुनिया को समाप्त हो जाने की भविष्यवाणी कर चुके है. इस पूरी दुनिया में ऐसे करोड़ो बच्चे है उनकी मम्मी गुम हों गई है जो उन्हे अनाथ करके उडन तश्तरी की तरह उडऩ छू हो गई उन मम्मियों को तो आज तक कोई टी वी चैनल वाला खोज नही सका और लेकर नया फण्डा आ गये कि श्री लंका के घने जंगलो में जिसे नाग लोक कहा जाता है वहाँ पर एक पत्थर के नीचे ताबुत में रावण की ममी है......? ख़बरो की प्रतिस्पर्धा में हर किसी को इस बात का ध्यान रखना अनिवार्य होना चाहिये कि उनकी भेजी खबर कहीं किसी का अहित न कर दे . बैतूल जिले के खेडला किले के पास स्थित तालाब के पारसमणी की कहानी कपोल काल्पनिक है लेकिन पारसमणी के चक्कर में कई लोगो की जान पर आ गई इस बात को किसी ने भी आज तक नहीं दिखाया....? सनसनी पैदा कर देना सहज है लेकिन ऐसी सनसनी किताबों एवं सत्यकथाओं के पन्नो तक लिखी सही है.

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