Sunday, December 26, 2010

40 साल तक राजपाट करने के बाद भी एक भवन नहीं मात्र 4 साल में बना भाजपा का भवन

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रामकिशोर पंवार
देश की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाली भारतीय राष्टरीय कांग्रेस जो आजादी के बाद कई गुटो और नेताओं के नाम पर बनी और मिटी। मध्यप्रदेश के
साल तक राजपाट करने के बाद भी एक भवन नहीं मात्र 4 साल में बना भाजपा का भवन 1956 में गठन के बाद आज तक 52 वर्षो में कांग्रेस अपना 40 साल तक राजपाट करने के बाद भी एक भवन नहीं बना सका वहीं दुसरी ओर मात्र 12 वर्ष तक जनता और भारतीय जनता पार्टी के रूप में कार्य करने वाली पार्टी ने हिन्दुस्तान के किसी भी जिला मुख्यालय पर भारतीय जनता पार्टी ने जिला मुख्यालय पर ऐसा विशाल आसमान को छुने वाला भाजपा भवन नहीं बनाया होगा जो इस समय बैतूल में है। अब बात करे पार्टी कार्यालयो की तो ऐसा भी नहीं है कि कांग्रेस के पास कार्यालय के जमीन नहीं है। कांग्रेस के पास बैतूल जिला मुख्यालय पर दो प्लाट है जिनकी कीमत करोड़ो में आकी जा सकती है। जिला मुख्यालय के दो कोने गंज और कोठी बाजार में कांग्रेस के पास जमीन है वहां पर भवन भी है लेकिन वह किसी राजा के खण्डहर किले जैसे प्रतित होते है। जिला मुख्यालय के अति व्यस्तम व्यापारिक क्षेत्र गंज में शनि मंदिर के पास जवाहर वार्ड में नजूल शीट नम्बर 27 के प्लाट न. 11 / 2 में 3130 वर्ग फूट का की भूमि पर एक मकान बना हुआ है। सरकारी दस्तावेजो में इस मकान का स्वामीत्व जिला कांग्रेस कमेटी का होना बताया है। जब उक्त कांग्रेस कार्यालय का भूराजस्व 31 रूपये 25 पैसे था जो कि 1995 से इसकी लीज का रिनीवल होना बाकी है। 13 वर्ष बीत जाने के बाद भी कांग्रेस कमेटी के भवन की भूमि की लीज रिनीवल नहीं हो सकी। कांग्रेस अपने 42 साल के शासन काल में भूमि की रिनीवल तो दूर खण्डहर हो चुके कार्यालयो को तक नहीं सुधार सकी। सबसे शर्मसार बात तो यह है कि गंज स्थित कांग्रेस भवन पर कांग्रेस का कब्जा तक नहीं है जबकि सरकारी दस्तावेजो में उक्त भूस्वामी का नाम जिला कांग्रेस कार्यालय आज भी अंकित है। इसी तरह कोठी बाजार क्षेत्र में कांग्रेस के पास नजूल शीट न. 12 के प्लाट नम्बर 9/2 में 11680 वर्गफुट भूमि कांग्रेस के नाम पर आवंटित की जा चुकी है। इस भूमि का भूराजस्व 12 रूपये आंका गया था। जिला कांग्रेस कमेटी के दो प्लाटो को रहवासी क्षेत्र से व्यवसायिक क्षेत्र में परिवर्तत नहीं किया जाना भी संदेह के परे है। आज दोनो भूमि की कुल कीमत साढ़े चार करोड़ से कम नहीं होगी अगर वह व्यवसायिक क्षेत्र में परिवर्तित हो जाती है। इधर भाजपा वर्ष 2003 में सत्ता में आने के बाद उसने मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में बैतूल गंज में रेल्वे गेट के पास रेल्वे से लगी रेल प्रशासन द्घारा अधिग्रहित भूमि का वह हिस्सा अपने नाम पर करवा लिया जो साधारण तौर पर किसी को बिना रेल्वे की सहमति के नहीं मिलता। नजूल शीट न. 32 के प्लाट 3/2 की 9500 वर्गफुट भूमि 4 अगस्त 2003 में अपने नाम करवा ली और नवम्बर 2003 में कांग्रेस की सत्ता को हटा कर अपने नवम्बर 2003 से अब तक के कार्यकाल में लगभग 80 लाख की लागत से बने इस भवन के निमार्ण को लेकर पूरे जिले भर के अधिकारियो से लेकर आम भाजपा कार्यकत्र्ताओं से चंदा लिया गया। पूर्व जिलाध्यक्ष अलकेश आर्य के कार्यकाल में बनने शुरू हुआ भाजपा भवन वर्तमान जिला अध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा के कार्यकाल में बन कर पार्टी को समर्पित हुआ। 20 मार्च 2008 को भाजपा के राष्टï्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के हस्ते पार्टी को समर्पित इस बहुमंजिला भवन का 13 हजार 775 रूपये वार्षिक किराये से प्राप्त भूखण्ड पर मात्र चार साल के कार्यकाल में 12 छोटी बड़ी दुकानो सहित विशाल आसमान को छुता भवन बनाया। भाजपा ने अपने विजय भवन की सभी बड़ी दुकानो से पाँच तथा छोटी दुकानो से दो लाख रूपये के हिसाब से कुल पचास लाख रूपये की पगड़ी वसूली गई। उक्त सभी दुकाने पगड़ी जमा करने के बाद एक हजार रूपये प्रतिमाह किराये के हिसाब से अनुबंधित हुई। सबसे आश्चर्य की बात है कि पार्टी की उक्त सभी दुकाने पार्टी पदाधिकारियो के सगे संबधी नाते रिश्तेदारो को दी गई । भाजपा के ही नेता इस बात को दबे स्वर में बताते है कि भाजपा के आलीशान विजय भवन के लिए सबसे अधिक चंदा मुलताई विधानसभा क्षेत्र से इंका के विधायक रहे पंवार समाज के नेता एवं वर्तमान भाजपा समर्थित जिला पंचायत अध्यक्ष अशोक कड़वे द्घारा पच्चीस लाख रूपये दिया गया हालाकि उक्त राशी श्री कड़वे ने अपनी जेब से न देकर अपने कमाऊपूत जिला पंचायत विभाग के उन अधिकारियो एवं कर्मचारियो से एकत्र करवाया जो ग्रामिण क्षेत्रो में तथाकथित विकास कार्य करवाते है। सबसे अधिक रूपैया राष्टरीय राजीव गांधी रोजगार ग्यारंटी शाखा से एकत्र हुआ। आज भले ही अशोक कड़वे इस बात खंडन कर ले लेकिन वे अफसर और बाबू आज भी इस बात का रोना - रोते नही थकते जिन्होने नोडल एजेंसियो से चंदा लिया था जो हजारो में न होकर लाखो में गया। इतना सब कुछ करने के बाद भी जब भाजपा भवन बन कर तैयार हुआ और पार्टी के राष्टïरीय अध्यक्ष उसका लोकापर्ण करने आये तो शिलालेख में राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त जिला पंचायत अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अशोक कड़वे का नाम अंकित नहीं किया गया। सबसे अधिक चंदा देने के चक्कर में भवन के लिए जबरिया चंदा उगाही के लिए बदनाम हुये पंवार समाज के नेता पूर्व विधायक अशोक कड़वे ने इस उपेक्षा का कउ़वा घुट पी लिया लेकिन बहुसंख्यक पंवार समाज अंदर ही अंदर पार्टी के नेताओं को सबक सीखाने में जुट गया। पार्टी भवन के लिए पी.डब्लयू.डी. के वर्मा औरआर.टी..अधिकारी संजय सोनी से लाखो रूपयो का चंदा एकत्र करवाया गया। इस भवन के नाम पर जिले के सभी विभाग प्रमुखो ने हजारो से लेकर लाखो का चंदा पार्टी के पदाधिकारियो को दिया लेकिन हिसाब - किताब किसी के पास नहीं है। भाजपा के विशाल भवन के लिए पूरे जिले भी में जिले के प्रभारी मंत्री के निज सहायक से लेकर विधायको और जिला पंचायत और नगर पंचायतो के निज सहायको तक ने अनाधिकृत वसूली कर डाली जिसे भवन निमार्ण समिति के संयोजक बाबा माकोडे अपने पास जमा होने का खंडन करते है। जबरिया चंदा उगाही की इस कड़ी में बैतूल जिले के सभी भाजपाई नगर पालिकाये एवं नगर पंचायतो के अध्यक्ष - उपाध्यक्ष , जनपद अध्यक्ष - उपाध्यक्ष से पचास से तीस हजार रूपये प्रति व्यक्ति -पद के हिसाब से चंदा का लक्ष्य निधारित किया गया। जिले में सबसे बड़ी नगरपालिका सारनी से एक लाख रूपये का चंदा एकत्र हुआ जिसे नगरपालिका अध्यक्ष एवं जिला भाजपा के नेताओं ने भवन निमार्ण समिति के संयोजक बाबा माकोड़े को बीते वर्ष जनवरी माह में दिया था। ऐसा नही कि केवल नगरीय क्षेत्रो में ही चंदा हुआ जिले की सभी 545 ग्राम पंचायतो के सरपंच एवं सचिवो से पांच - पांच हजार रूपये का अनुदान लिया गया। जिले की 545 ग्राम पंचायतो में सभी ग्राम पंचातयो से उक्त राशी जमा की गई। एक दो कांग्रेसी सरपंच अपवाद बन कर सामने आये तो उन्हे मिलने वाला सरकारी अनुदान में लेट - लतीफी कर उन्हे प्रताडि़त कर उक्त रूपैया वसूला गया। वन विभाग , कृषि विभाग , लो क स्वास्थ यांत्रिकी विभाग , आरईएस सहित जिले के बहुचर्चित कमाऊपूत अधिकारी मेघवाल से भी लाखो रूपैया की अनाधिकृत वसूली भवन के नाम पर की गई। जिस भी अधिकारी ने चंदा नही दिया या तो उसका भाजपाईयो ने मँुह काला कर दिया या फिर उसके मँूह का निवाला छीन लिया। सबसे महत्वपूर्ण जानकारी या तथ्य यह है कि भाजपा भवन के लिए जमा की गई राशी के आय - व्यय का आज दिनाँक तक न तो सार्वजनिक प्रकाशन किया गया और न किसी प्रकार की बैठक लेकर उसकी जानकारी दी गई। भाजपा भवन निमार्ण समिति के संयोजक एवं पूर्व सासंद स्वर्गीय विजय कुमार खण्डेलवाल के करीबी विश्वास पात्र लोगो में से एक रहे जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष बाबा माकोड़े के अनुसार भवन निमार्ण हो गया लेकिन पार्टी का विजय भवन डेढ़ करोड़ में बना है। सबसे आश्चर्य जनक बात यह है कि भवन निमार्ण से जुड़ी एजेन्सी दावा करती है कि वह मात्र 80 लाख रूपये में इससे अच्छा वास्तु शास्त्र के अनुसार उपयुक्त भवन का निमार्ण कर सकती है। भाजपा भवन निमार्ण समिति के संयोजक बाबा माकोडे इसी भवन के निमार्ण की लागत लगभग दुगनी बताने के साथ - साथ पूरे जिले भर में चौतरफा लाखो के बजाय करोड़ो रूपयो की जबरिया चंदा उगाही के बाद भी इन पंक्तियो के लिखे जाने तक 27 लाख रूपये कर्जा देना बाकी बताते है। श्री माकोडे के अनुसार इस बकाया राशी को पार्टी प्रत्याशी एवं सासंद स्वर्गीय विजय कुमार खएडेलवाल के पुत्र हेमंत खण्डेलवाल ने देने का वादा करके उक्त टिकट प्राप्त की है। आम भाजपाई की तरह स्वंय श्री माकोड़े भी इस बात को दबे स्वर में स्वीकार करते है कि वस्तुशास्त्र के अनुसार भी उक्त भवन अशुभ एवं अमंगलकारी है। जानकार लोग बताते है कि जब भवन के पीछे से एक साथ दो रेलगाडिय़ा गुजरती है तो पूरा भवन हिलने लगता है। सर्पीला आकार का आड़ा - तेड़ा भाजपा का भवन वैसे देखा जाये तो भाजपा के लिए अशुभ ही साबित हो रहा है। जिस व्यक्ति ने पूरे देश में सबसे बड़ा जिला मुख्यालय का भाजपा भवन बनवाने का बीड़ा उठाया था उसी भाजपा के नेता की शव यात्रा भी उसी भवन से निकली गई। अपने जीवित समय में भाजपा के सासंद स्वर्गीय विजय कुमार खण्डेलवाल उस भवन का लोकापर्ण नहीं करवा सके जिसके नाम से वे करवाना चाहते थे। स्वंय स्वर्गीय खण्डेलवाल ने भी स्वपन में नहीं सोचा होगा कि उक्त भवन पंडित दीनदयाल उपाध्याय या कुशाभाऊ ठाकरे की स्मृति की बजाय स्वंय उनकी स्मृति में लोकार्पित होगा। । इधर प्रदेश भाजपा कार्यालय के मीडिया प्रभारी गोविंद मालू के अनुसार प्रदेश भाजपा को इन पंक्तियो के लिखे जाने तक भवन निमार्ण की लागत के लिए एकत्र राशी का कोई चार्टर एकाउटेंट से प्रमाणित सीए रिर्पोट या अन्य दस्तावेज प्राप्त नहीं हो सका है जिसे पार्टी जनहित या पार्टी हित में सार्वजनिक प्रकाशित या प्रसारित कर सके। मध्यप्रदेश भाजपा के संगठन मंत्री के अनुसार भाजपा का बैतूल में बना विजय भवन के लिए किसने - कितना रूपैया - पैसा दिया या पार्टी को कहाँ से कितना रूपैया -पैसा मिला उसका हिसाब - किताब उसे देना चाहिये। इधर संघ से जुडे एक जिम्मेदार पदाधिकारी ने इस बात को स्वीकार किया कि भवन के निमार्ण के नाम पर विभिन्न विभागो में काम करने वाले ठेकेदारो - सप्लायरो से अनाधिकृत वूसली की शिकायते उन तक भी पहँुची है लेकिन स्वंय पार्टी के प्रदेश कोषाध्यक्ष के विश्वास पात्र द्घारा बनवाये जा रहे भाजपा भवन का आज तक कोई लेखा - जोखा किसी के भी सामने पेश न किया जाना कहीं न कहीं पर इस भवन के नाम पर की गई चंदा उगाही के आरोपो की पुष्टिï करता है। भाजपा के भवन निमार्ण के लिए यदि लोगो का योगदान आंके तो पता चलता है कि भवन के लिए आरईएस विभाग की ओर से सीमेंट की सप्लाई , बैतूल जिले की विभिन्न नदियो से पत्थरो एवं बोल्डरो तथा रेता की ढुलाई खनीज विभाग के सौजन्य से की गई। इन सबसे हट कर जिले भर के वैध एवं अवैध ईट भटटïे से ईटा मंगवाई गई। इसी तरह लोहे की छड़े से लेकर एंगल तक लोगो से लिये गये। कुल मिला कर सौजन्य से सब खुश रहते है। बरहाल जो भी हो एक तरफ कांग्रेस का 42 साल का शासन और उसके करोड़ो की भूमि पर खण्डहर बने कार्यालय वही दुसरी ओर मात्र 4 साल में बना भाजपा का भवन जिले के विकास कार्यो की पोल खोल कर रखता है।  
 
 




 

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